भक्ति सूत्र -ओशो। Narad Bhakti Sutra Pdf file
अनुक्रम :-
| परम प्रेमरूपा है भक्ति | |
| स्वयं को मिटाने की कला है भक्ति | |
| बड़ी संवेदनशील है भक्ति | |
| सहजस्फूर्त अनुशासन है भक्ति | |
| कलाओं की कला है भक्ति | |
| प्रसादस्वरूपा है भक्ति | |
| योग और भोग का संगीत है भक्ति | |
| अनंत के आंगन में नृत्य है भक्ति | |
| हृदय का आंदोलन है भक्ति | |
| परम मुक्ति है भक्ति | |
| शून्य की झील में प्रेम का कमल है भक्ति | |
| अभी और यहीं है भक्ति | |
| शून्य का संगीत है प्रेमा-भक्ति | |
| असहाय हृदय की आह है प्रार्थना-भक्ति | |
| हृदय-सरोवर का कमल है भक्ति | |
| उदासी नहीं–उत्सव है भक्ति | |
| कान्ता जैसी प्रतिबद्धता है भक्ति | |
| एकांत के मंदिर में है भक्ति | |
| प्रज्ञा की थिरता है मुक्ति | |
| अहोभाव, आनंद, उत्सव है भक्ति |
Book:- Narad Bhakti Sutra Osho
Language :-Hindi
Size :- 3mb
440 pages
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